Hindi shayari - Har Tarah Ke Mukhote Woh Lagaye Huye Hai



हर तरह के मुखौटे, वो लगाए हुए हैं,
लोग औकात अपनी, यूं छुपाये हुए हैं !
क़त्ल करके भी बेगुनाह बनते हैं वो,
झूठी शराफत के, चश्मे  लगाए हुए हैं !
हर तरफ दिखता है अजब सा समां,
फूलों  की राहों में, कांटे बिछाए हुए हैं !
अपनों पे क्या यक़ीं कब तक निभाएं,
अंदर तो वो भी, मतलब बसाये हुए हैं !
जो भी दिखता है वो वैसा नहीं है दोस्त,
सब के सब तो,असलियत छुपाये हुए हैं !